भारतीय व्यवसाय जगत के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के अवसर पर श्री लालकृष्ण आडवाणी के भाषण के कुछ अंश:
"इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत वर्तमान संकट से सफलतापूर्वक निपटने और इसे वास्तव में, आगे की ओर लम्बी छलांग लगाने के महत्वपूर्ण अवसर में परिवर्तित करने में सक्षम है। तथापि, हम इस बदलाव को सफलता तभी कह सकते हैं जब देश से गरीबी मिट जाए, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कायाकल्प हो जाए, और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के हमारे भाई-बहन समान अवसरों का लाभ उठाने के लिए आर्थिक रूप से सुदृढ़ बन जाए।"
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बिना गरीबी के मिटाए, कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कायाकल्प किए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के हमारे भाई-बहन के समान अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम हुए बिना किसी प्रकार के विकास की बात बेमानी ही होगी।
सही लिखा आपने.
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