उन्होंने उन्हें कुछ कह दिया,
उन्हें बुरा लग गया,
बुरा तो शायद सब को लगता,
पर सब मुख्य मंत्री नहीं हैं,
आम आदमी का बुरा लगना,
कोई खास बात नहीं है भारत मैं,
बुरा लगना तो अधिकार है,
खास आदमी का,
यहाँ वह चूक गए और गलती कर बैठे,
कह दिया कुछ खासमखास को,
पकड़े गए, माफ़ी मांगी,
बेटी भी कहा उन को,
पर मुसीबत मैं पड़ गए,
बहुत कुछ खोना पड़ेगा.
क्यों कह देते हैं लोग ऐसी बातें?
क्या हासिल होता है इस से?
किसी को कुछ कह कर सुख मिलता है क्या?
यदि हाँ, तब तो यह नकारात्मक सोच है.
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